Dementia Meaning in Hindi
Dementia Meaning in Hindi
Dementia (डिमेंशिया) के लक्षण
कई बार लोग सोचते हैं कि चीजें रखकर भूल जाना या याददाश्त
कमजोर होना ही डिमेंशिया के एकमात्र लक्षण है लेकिन और भी ऐसे लक्षण है जो डिमेंशिया
की गंभीरता की ओर संकेत करते हैं जैसे:-
- अजीबोगरीब मुद्दों पर बातें करना या एक ही बात को बार-बार दोहराना या पूछना!
- साधारण सी बातों के समझने में भी समस्या होना या थोड़ी देर बाद भूल जाना!
- असभ्य भाषा का प्रयोग करना या गाली-गलौज करना!
- सोचने-समझने कि शक्ति खत्म होना और गलत निर्णय ले लेना!
- मेल-जोल करने में झिझकना! अकेले रहना या अपने में ही खोए रहना!
- बिना किसी कारण चिल्लाना, रोना या गुस्सा करना!
- नाश्ते या खाने के बाद भूल जाना कि किया है या नहीं!
- दिन, महीने, तारीख, साल, लोगों के नाम, शहर, घर आदि सब याद रखने में समस्या होना!
- गंदे और उलटे कपड़े पहनना!
- चीजों को गलत जगह पर रखना!
- नंबरों और गिनती करने और समझने में भी दिक्कत होना!
Dementia (डिमेंशिया) की समस्या समय दर समय इतनी गंभीर हो जाती है कि व्यक्ति इसके अंतिम चरण में पूरी तरह से दूसरों पर आश्रित हो जाता है वह चाहकर भी खुद अपने आपे मे नहीं रहता!
Dementia (डिमेंशिया) के कारण
जैसा कि आप सभी
जानते है कि हमारे मस्तिष्क में जो कोशिकाएं होती है वह एक-दूसरे से संवाद करके
अपना कार्य करती है! आपको यह भी ज्ञात होगा कि हमारे मस्तिष्क में कई भाग होते हैं
और सभी का भिन्न-भिन्न कार्य होता है! जब किसी भाग में आघात या चोट के कारण इन
कोशिकाओ को नुकसान पहुंचता है तो यह एक-दूसरे से संवाद करने की क्षमता खो देती है
और इसका सीधा असर पीड़ित व्यक्ति की सोच, व्यवहार और भावनाओ पर पड़ता है जिसमें Dementia (डिमेंशिया) हो सकता है! इसके और भी कई कारण होते हैं
जैसे ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर, सिर पर चोट लगना या HIV संक्रमण. समय के साथ-साथ यह रोग गंभीर रूप ले लेता है!
Dementia (डिमेंशिया) के प्रकार
- अल्जाइमर:- यह डिमेंशिया का साधारण-सा रोग है! इसमें मरीज में दिमागी
तौर पर बदलाव आने लगता है जिससे ऐसे प्रोटीन का निर्माण होता है जो दिमाग की नसों के
आकार को बढ़ाता है और मस्तिष्क के आकार को घटाता चला जाता है!
- लेवी बॉडीज डिमेंशिया:- जब मरीज के कॉर्टेक्स
में Alpha-Synuclein नाम का प्रोटीन एकत्र होने लगता है तो इसे लेवी
बॉडीज डिमेंशिया कि श्रेणी में रखा जाता है! इसके अंतर्गत मरीज की याददाश्त में कमी
होने लगती है, उसे अनिद्रा, शारीरिक असंतुलन और सामान्य गतिविधियों को करने में समस्याओं
से जूझना पड़ता है!
- पार्किंसंस रोग:- यह एक न्यूरोडीजेनेरेटिव
विकार है जो मरीज की तांत्रिक तंत्र को हानि पहुंचाता
है! जो आगे चलकर डिमेंशिया या अल्जाइमर
का भी रूप ले सकता है! इसके अंतर्गत कंपकंपी, मांसपेशियों में जकड़न, अनचाही हरकत, खड़े
रहने में परेशानी, चलने में परेशानी, चाल में धीमा फेरबदल, दिन में नींद आना, चक्कर
आना, उदासीनता या चिंता, पेशाब का रिसना या पेशाब टपकना, निगलने में परेशानी, बिना
वजह ताकना, लार टपकना, वज़न घटना इत्यादि!
- मिश्रित डिमेंशिया:-
इसके अंतर्गत मरीज को एक ही समय में एक से अधिक Dementia (डिमेंशिया) घेर सकते हैं जैसे अल्जाइमर
और वैसकुलर! इसके साथ-साथ अन्य प्रकार के डिमेंशिया होने का भी खतरा बना रहता है!
- फ्रंटोटेंपोरल:- इस बीमारी के चलते मरीज की
जीवनशैली, व्यवहार और भाषा मे बदलाव आने लगता है! उसे लोगों से बातचीत के दौरान भाषा
को बोलने और समझने में समस्या का सामना करना पड़ता है! इसे आमतौर पर अन्य डिमेंशिया का परिणाम माना जाता है! इसमे मुख्य रूप से
पिक रोग (Pick's Disease) और प्रगतिशील सुपरन्यूक्लियर पाल्सी
(Progressive Supranuclear Palsy) आदि शामिल है!
Dementia (डिमेंशिया) का इलाज
दुर्भाग्यपूर्ण
बात है कि अभी तक Dementia (डिमेंशिया) का कारगर
इलाज नहीं है! अभी तक वैज्ञानिक इसके पीछे के कारणों और उपायों के लिए एकमत नहीं हुए
हैं! यदि व्यक्ति का मस्तिष्क काम करना बंद कर दे तो उसे कैसे Restart
करें इसका जवाब अभी तक Medical Science के पास भी नही है! हाँ, इसका जो एक रूप अल्जाइमर
है उसके लक्षणों को देखकर उसे कंट्रोल किया जा सकता है परंतु इसका अभी सम्पूर्ण इलाज
सामने नही आया है!
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